मामला कन्नौज जिले के तिर्वा कोतवाली क्षेत्र का है. यहां के अलीनगर निवासी धर्मेंद्र की भैंस 3 दिन पहले चोरी हो गई थी.
कन्नौज. उत्तर प्रदेश पुलिस अपने अजीबोगरीब कारनामों के लिए हमेशा चर्चा में रहती है. कभी यूपी पुलिस अपराधी को डराने के लिए मुंह से ही गोली चलने की ठाएं-ठाएं आवाज निकालती है तो कभी शराब पीकर आपस में ही सड़कों पर उलझ जाती है. अब एक बार फिर से कन्नौज जिले में पुलिस ने एक ऐसा काम किया है, जिसे सुनकर आप दांतों तले उंगली दबा लेंगे. दरअसल, कन्नौज पुलिस ने चोरी की बरामद भैंस को उसके असली मालिक तक जाने के लिए भैंस के ऊपर ही फैसला छोड़ दिया. पुलिस का कहना था कि यदि फैंस अपनी मालिक को पहचान कर उनके पास चली जाती है तो समझों भैंस उसी आदमी का है.
जानकारी के मुताबिक, मामला कन्नौज जिले के तिर्वा कोतवाली क्षेत्र का है. यहां के अलीनगर निवासी धर्मेंद्र की भैंस 3 दिन पहले चोरी हो गई थी. वहीं, 3 दिन पहले ही तालग्राम के वीरेंद्र की भैंस भी चोरी हुई थी. तीनों ने पुलिस में भैंस चोरी होने का मामला दर्ज कराया था. इसी बीच पुलिस ने जाल बिछाकर चोरी की भैंस को बरामद कर लिया. इसके बाद अलीनगर निवासी धर्मेंद्र और तालग्राम के वीरेंद्र को भैंस के बरामदगी के बारे में जानकारी दी गई.
एक भैंस को लेने के लिए दो-दो मालिक थाने पहुंच गए
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एक भैंस को लेने के लिए दो-दो मालिक थाने पहुंच गए. इसके बाद दोनों ने भैंस के ऊपर अपना दावा ठोक दिया. ऐसे में पुलिस फैसला करने में असमर्थ हो गई, क्योंकि एक भैंस पर दो लोग अपना दावा ठोक रहे थे. तभी पुलिस ने एक ऐसा निर्णय लिया, जिसने सभी को चौंका दिया. पुलिस ने भैंस को दोनों दावेदारों के बीच में छोड़ दिया. फिर क्या था, भैंस अपने असली मालिक को पहचानते हुए उसके पीछे चल दी. अब एसएसआई के इस सूझबूझ भरे निर्णय की जमकर प्रशंसा हो रही है. भैंस का दूसरा दावेदार भी इस फैसले से सहमत हो गया.
भैंस चोरी होने की शिकायत थाने में दर्ज कराई गई थी
एसएसआई विजयकांत मिश्रा ने बताया कि कुछ दिन पहले एक भैंस चोरी होने की शिकायत थाने में दर्ज कराई गई थी. लेकिन भैंस की बरामदगी के बाद दोनों पक्ष इसके ऊपर अपना दावा ठोक रहे थे. फिर मैंने फैसला भैंस के ऊपर ही डाल दिया जिसकी भैंस होगी उसके साथ चली जाएगी. मामला निपट गया. जिसकी भैंस थी उसके साथ वह चली गई. वहीं, दूसरा पक्ष संतुष्ट हो गया कि भैंस उसी की है.